‘सम्पूर्णता अभियान’ सभी आकांक्षी ब्लॉकों में निम्नलिखित 6 चिन्हित केपीआई पर ध्यान केंद्रित करेगा:
- पहली त्रैमासिक अवधि के दौरान प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी) के लिए पंजीकृत गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत
- ब्लॉक में लक्षित जनसंख्या के मुकाबले मधुमेह की जांच कराने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत
- ब्लॉक में लक्षित जनसंख्या के मुकाबले उच्च रक्तचाप के लिए जांचे गए व्यक्तियों का प्रतिशत
- आईसीडीएस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित रूप से पूरक पोषण लेने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत
- मृदा नमूना संग्रहण लक्ष्य के मुकाबले सृजित मृदा स्वास्थ्य कार्डों का प्रतिशत
- ब्लॉक में कुल स्वयं सहायता समूहों के मुकाबले रिवाल्विंग फंड प्राप्त करने वाले स्वयं सहायता समूहों का प्रतिशत
‘सम्पूर्णता अभियान’ के अंतर्गत आकांक्षी जिलों में चिन्हित 6 केपीआई इस प्रकार हैं
- पहली त्रैमासिक अवधि के दौरान प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी) के लिए पंजीकृत गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत
- आईसीडीएस कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित रूप से पूरक पोषण लेने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत
- पूर्णतः प्रतिरक्षित बच्चों का प्रतिशत (9-11 माह) (बीसीजी+डीपीटी3+ओपीवी3+खसरा 1)
- वितरित मृदा स्वास्थ्य कार्डों की संख्या
- माध्यमिक स्तर पर कार्यात्मक विद्युत सुविधा वाले विद्यालयों का प्रतिशत
- शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर बच्चों को पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूलों का प्रतिशत
नीति आयोग उन कार्यकलापों की सूची उपलब्ध करा रहा है जिन्हें जिले और ब्लॉक ‘संपूर्णता अभियान’ के शुभारंभ के हिस्से के रूप में आयोजित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ब्लॉक और जिलों को अभियान की गति बनाए रखने और निरंतर भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से लोक संपर्क गतिविधियाँ आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस प्रयास को सफल बनाने तथा जमीनी स्तर पर ठोस प्रभाव डालने के लिए
- जिले/ब्लॉक छह संकेतकों को पूर्ण करने के लिए 3 महीने की कार्य योजना विकसित करेंगे
- जिले/ब्लॉक प्रत्येक माह परिपूर्णता पर हुई प्रगति को ट्रैक करेंगे
- जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन अभियान लागू करना
- जिला अधिकारी समवर्ती निगरानी प्रक्षेत्र का दौरा करेंगे
- नीति आयोग, संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ मिलकर
- इन जिलों और ब्लॉकों के प्रभावी और तेज़ विकास को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा। यह सहयोग बेहतर नियोजन और कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण और बेहतर तथा सतत सेवा वितरण के लिए प्रणालियां स्थापित करने पर केंद्रित होगा।