श्री बदरीश पंडा पंचायत की प्रबंधकारिणी समिति की बैठक आयोजित, परंपराओं व हक-हकूकों के संबंध में फैलायी जा रहे भ्रम व दुष्प्रचार पर जताई आपत्ति

गोपेश्वर (चमोली)। श्री बदरीश पंडा पंचायत की प्रबंधकारिणी समिति की एक बैठक रविवार को आयोजित बैठक में श्री बदरीनाथ मंदिर एवं धाम में पूजा-पाठ से संबंधित पुरातन काल से चली आ रही परम्पराओं और हक-हकूकों के सम्बन्ध में कुछ लोगों की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम और दुष्प्रचार पर कड़ी आपत्ति जताई गयी। चेतावनी दी गयी कि दवाब बनाकर परंपराओं और हक़-हकूकों में किसी भी प्रकार के फेरबदल एवं छेड़छाड़ का विरोध किया जाएगा। बैठक में बीकेटीसी की ओर से बनायी गयी धार्मिक संवर्ग सेवा नियमावली को स्वागत योग्य कदम बताया गया।

श्री बदरीश पंडा पंचायत की बैठक में अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने कहा गया कि एक समाज विशेष की ओर से लगातार कुछ समय से बदरीनाथ के मुख्य पुजारी के रूप में अपना परिचय एवं अधिकार जताया जा रहा है, जो कि घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा गया कि बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी के लिए पूर्व से निर्धारित हक-हकूक मात्र केरल प्रांत के नंबूदरी ब्राह्मणों का है, जो कि रावल और नायब रावल के रूप में नियुक्त होते हैं। इनके अतिरिक्त भगवान बद्री विशाल जी की पूजा का अधिकार किसी को भी नही है।

बैठक में कहा गया कि अन्य समाज केवल सहयोगी के रूप में अलग-अलग व्यवस्था को देखते हैं, जिनके लिए पूर्व से ही नियम और व्यवस्था सुनिश्चित है। उन्हें सेवादार या अन्य आधिकारिक नामों से पुकारा जाता है। बैठक में कहा कि देवप्रयाग समाज के ब्राह्मण श्री बदरीनाथ धाम आने वाले देशभर के सम्पूर्ण यात्रियों के पंडा- पुरोहित हैं, जबकि डिमरी समाज मात्र गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र से आने वाले यात्रियों का तीर्थ पुरोहित है। बैठक में कहा गया कि मुख्य पुजारी और श्री बदरीनाथ धाम के समस्त मंदिरों के पुजारी के रूप में अपना अधिकार बताना गलत है। यह पूर्व से स्थापित परंपराओं पर अतिक्रमण करना जैसा है, जो कि विरोध योग्य है। श्री बदरीनाथ धाम की मर्यादा और व्यवस्था बनाएं रखने के सभी सकारात्मक क़दमों का स्वागत है। बैठक में अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी, उपाध्यक्ष सुधाकर बाबुलकर, सचिव रजनीश मोतीवाल, कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया, सहसचिव राजेश पालीवाल, पंचायत सदस्य प्रदीप गौरी भट्ट, पंचायत सदस्य अजय बंदोलिया, युवा संगठन अध्यक्ष श्रीकांत बडोला आदि शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *