उद्यमिता विकास प्रशिक्षण ने खोली छात्रों के लिए आत्मनिर्भरता की राह, एसजीआरआर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में छात्रों ने सीखे कई कौशल, खादी ग्रामोद्योग आयोग की ओर से दिया गया प्रशिक्षण

  • उद्यमिता विकास प्रशिक्षण ने खोली छात्रों के लिए आत्मनिर्भरता की राह
  • एसजीआरआर विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन
  • उद्यमिता विकास कार्यशाला में छात्रों ने सीखे कई कौशल
  • खादी ग्रामोद्योग आयोग की ओर से दिया गया प्रशिक्षण

देहरादून। उद्यमिता विकास को लेकर खादी और ग्रामोद्योग आयोग देहरादून और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से विश्वविद्यालय के पथरीबाग कैंपस में पांच दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया। कार्यशाला में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के ट्रेनरों द्वारा छात्र-छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर डीन प्रो. गीता रावत ने कहा कि छात्रों को इस तरह के प्रशिक्षण से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। वे आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की कोशिश होगी कि शिक्षा के साथ-साथ छात्र स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हों तभी आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सकेगा।

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से कार्यशाला के समन्वयक अर्थशास्त्र विभाग की प्रो. पूजा जैन एवं सामाजिक कार्य विभाग के डॉ. मनबीर सिंह नेगी संयुक्त रूप से रहे। इस अवसर पर प्रो. पूजा जैन ने बताया कि हमारी कोशिश है कि जल्दी ही विश्वविद्यालय और खादी और ग्रामोद्योग आयोग के बीच एमओयू साईन हो। इसका मकसद विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को कौशल संपन्न बनाना है ताकि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए संबल मिल सके। स्टूडेंट केवल रोजगार की तलाश में न जाएं बल्कि अपना स्वयं का रोजगार खोल सकें एवं उद्यमिता को अपना सकें। उन्होंने कहा कि एमओयू को लेकर खादी ग्रामोद्योग आयोग से बातचीत चल रही है। उम्मीद है जल्दी ही इस दिशा में प्रगति होगी। अगर ऐसा हो जाता है तो यह छात्र हित में होगा। कार्यक्रम में डॉ. अमरलता, डॉ. पारूल अग्रवाल एवं डॉ. स्निग्धा ने विशेष सहयोग दिया। इस मौके पर डॉ. नेहा गुप्ता, डॉ. नेहा सक्सेना, डॉ. विशाल जोशी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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