रुद्रप्रयाग : भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा 10 दिवसीय प्रशिक्षण में 25 प्रशिक्षणार्थियों को होममेड अगरबत्ती मेंकिग का प्रशिक्षण दिया गया। जवाड़ी गांव में आयोजित प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्रभारी खंड विकास अधिकारी जखोली सुरेश शाह द्वारा समूह की महिलाओं को लोकल उत्पाद बनाने हेतु प्रेरित किया गया।
आरसेटी के निदेशक किशन सिंह रावत द्वारा बेरोजगार युवक एवं युवतियों को आरसेटी द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण एवं स्वरोगार के अवसर प्रदान किये जा रहे है और प्रशिक्षण लेने वाली प्रशिक्षु को अपना रोजगार स्थापित करने का यह सुनहरा मंच है। जिससे सभी अपना और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते है साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को डिजिटल मार्केटिंग, लेखांकन व बैकिंग से संबंधी विभिन्न जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान पिरुल की राखियां, गोबर के दीये, गोबर की धूप, हवन सामग्री की बाजार में मांग के बारे में समझाया गया। साथ ही उन्हें बताया गया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं अपना लघु उद्यम स्थापित कर अपना भविष्य संवार सकती हैं।
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं द्वारा निर्मित पिरुल की राखियां, धूप, अगरबत्ती, हवन सामग्री, ज्योत बत्ती, आदि निर्मित किये गये, महिलाओं द्वारा निर्मित पिरुल की राखियों को बाजार में लोगों द्वारा खूब पसन्द किया जा रहा हैं। लीड बैंक मैनेजर चत्तर सिंह द्वारा बैंकिग, प्रोजेक्ट रिपोर्ट लघु उद्यम में कार्यशील पूंजी और स्थायी पूंजी के बारे में विस्तार से बताया गया तथा इस प्रकार के प्रशिक्षण भविष्य में रोजगारपरक एवं पलायन रोकने में मील का पत्थर साबित होंगे।
आरसेटी द्वारा दिये जा रहे निशुल्क प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर पवित्रा सैनी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को गोबर के दिये, गोबर की धूप,अगरबत्ती, हवन सामग्री, ज्योत बत्ती, पिरुल की राखियां आदि की बनाई गई। इसके साथ ही प्रशिणार्थियों को प्रैक्टिल के माध्यम से उपरोक्त विषयों को बनाना सिखाया गया। संस्थान के प्रशिक्षक भूपेन्द्र रावत ने प्रशिक्षणार्थियों को उद्यमिता से जुडी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई। सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर प्रमाण पत्र वितरित किये गए। इस अवसर पर किशन सिंह रावत, सुरेश शाह, भूपेन्द्र सिंह, प्रवीन सिंह, संगीता देवी, सविता देवी, अंजू देवी, गुड्डी देवी, भागरथी देवी, अंजली, संतोषी देवी, सपना, मोनिका देवी, बिंदु देवी, नर्मदा देवी आदि उपस्थित रहे।