देहरादून : हमारा जीवन हमारे हाथ में है… हमारा जीवन हमारे हाथ में है, लेकिन इसके लिये हमको अपने विचारों पर नियंत्रण पाना सीखना होगा। हमारे डर, असफलता और संदेह की सभी समस्याएं इसलिए हैं क्योंकि हमारा मन हमारे ऊपर शासन कर रहा है। हमारे दिमाग पर इनका कब्ज़ा हो गया है और हम अपने अनियंत्रित नकारात्मक विचारों के गुलाम और शिकार हो जातें हैं। इनसे निजात पाना बहुत ही सरल है। हमे अपने मन और विचारों पर नियंत्रण रखना होगा। हर दिन, थोड़ा-थोड़ा करके, अपने विचारों पर नज़र रखने की आदत डालें।
जब भी कोई नकारात्मक विचार आए, तो कृपया उस पर रोक लगा दें और किसी अच्छे विचार के बारे में सोचकर नकारात्मक विचार को अपने भीतर पनपने न दें। अधिक से अधिक अच्छे विचार सोचें और फिर तीव्रता से वे अपने आप आते जायेंगे। असल में हमारे मस्तिष्क में दो इंजीनियर कार्यरत हैं। जो प्रति सेकंड के हिसाब से निरन्तर हजारों विचार उत्पन्न करते रहते हैं। ऋणात्मक विचारों के जनक पराजय कुमार हैं, और सकारात्मक विचारों के सृजनकर्ता विजय सिंह हैं। हमारा प्रयत्न यह रहना चाहिए कि हम विजय सिंह जी को अधिक से अधिक कार्य देवें…