शांति इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व

कोटद्वार :  शांति इंटरनेशनल स्कूल कोटद्वार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। इसमें नन्हें-मुन्ने बच्चे नटखट नंद गोपाल की भूमिका में नजर आए। स्कूल के बच्चें कृष्ण कन्हैया की वेशभूषा तो कोई राधा की वेशभूषा में नजर आए। नन्हें-मुन्ने बच्चे राधा-कृष्ण के अलावा वासुदेव, देवकी, ग्वाले और गोपियों की वेशभूषा में आए। बच्चों के इस अवतरण ने सभी का मनमोह लिया। इस दौरान झांकी भी लगाई गई। बच्चों ने कृष्ण के गीतों पर नृत्य कर सारे वातावरण को कृष्णमयी बना दिया। कार्यक्रम के बाद सभी बच्चों ने विधिवत श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना की व प्रसाद ग्रहण किया।

शांति इंटरनेशनल स्कूल कोटद्वार की प्रधानाचार्य शांति मिश्रा ने बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने बल और बुद्धि से बुराई पर विजय प्राप्त की। भगवान श्रीकृष्ण से हमें सीखना चाहिए कि किस तरह से हर परिस्थिति का सामना करें। उन्होंने कंस का संहार कर लोगों को अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। द्रोपदी की लाज बचाई।  साथ ही कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देकर आत्मा, परमात्मा, योग, कर्म की व्याख्या की थी और सत्य के पथ पर चले थे। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने संदेश दिया कि व्यक्ति को अपना कर्म करते रहना चाहिए और फल की इच्छा नही करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि निष्काम भाव से किया गया कर्म ही सच्चा कर्म होता है। उन्होंने मोह माया से दूर रहने की बात कही। श्रीकृष्ण जी ने भरसक प्रयास किये थे कि महाभारत का युद्ध न हो। जब युद्ध नहीं रुका तो वे पांडवों के पक्ष में थे क्योंकि वे सत्य के पथ पर थे। इसलिए हमें सदा सत्य का साथ देना चाहिए। मुश्किल से मुश्किल समस्या का भी हल निकाला जा सकता है। उन्होंने बच्चों व शिक्षिकाओं को अपना आशीर्वाद देते हुए पर्व की बधाई दी।

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