चमोली : जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए समूह के सदस्यों को दिया प्रशिक्षण

गोपेश्वर (चमोली)। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाद समिति की ओर से चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में जैविक उत्पादक समूह सदस्यों को शुक्रवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

जैविक समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देते हुए हिमाद समिति के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि जैविक खेती पर्यावरण, जलवायु की शुद्धता, भूमि के प्राकृतिक स्वरूप, जल धारण क्षमता एवं पर्यावरण संवर्धन के साथ ही कृषक को कम लागत में दीर्धकालीन स्थिर और गुणवत्ता वाली कृषि पद्वति है। साथ ही काश्तकार की आजिविका सुधार के लिए मील की पत्थर है।

इस अवसर पर जैविक खेती कार्यक्रम की समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि संस्था संजीवनी एग्रो फूडस लिमिटेट कम्पनी के माध्यम से चमोली जिले के उर्गम, नौटी, कनखुल कलस्टर के 43 गांवों में जैविक खेती कार्यक्रम के तहत जैविक उत्पादक समूहों का गठन कर 1990 कृषकों की एक हजार हैक्टर भूमि पर जैविक प्रमाणीकरण का कार्य कर रही है।  जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कृषक की ओर से जैविक नियमों का पालन कर अपने उत्पाद जैविक रूप में विपणन करने की अनुमति प्रदान होती है। उन्होने जैविक प्रमाणीकरण संस्थाओ, मानकों, बफर जोन, फसल चक्र, कीटनाशक प्रयोग करने की अनुमति तथा आन्तरिक निरीक्षण प्रक्रिया की विस्तार पूर्वक जानकारी दी ।

प्रशिक्षण में जैविक खेती कार्यक्रम के आईसी प्रबन्धक भूपेन्द्र गुसाई और पंकज पुरोहित ने जैविक प्रामाणीकरण के लिए किसान डायरी, आन्तरिक निरीक्षण प्रपत्र के साथ ही जैविक खेती आरम्भ करने से पूर्व के मानक, जैविक खेती करने के मार्ग में बाधाये, जैविक खेती के उपयोग के तरीकों की जानकारी दी।  इस मौके पर हिमाद के फील्ड प्रबन्धक बहादुर सिंह रावत, प्रीति देवी, संगीता देवी, सरिता देवी, लीला देवी, काजल रावत, सोनम नेगी, भागेश्वरी देवी, पुष्कर लाल, दिनेश्वरी देवी, सदीप चैहान, भूपेन्द्र कुमाई आदि मौजूद थे।

 

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