देहरादून : आपके घरों में बिजली का कनेक्शन होगा ही। जाहिर है मीटर भी लगा ही होगा। कई बार आपको यह कह दिया जाता है कि आपका मीटर खराब हो गया है। रिवर्स हो गया है फावर्ड हो गया है। अगर ऐसा है, तो आपको चिंता करने की जरूरत है। अपने पिछले मीटरों को चेक करें और पता लगाएं कि कहीं आपको विभाग ने चूना तो नहीं लगा दिया है। इसका दोहरा नुकसान होता है। एक तो ग्राहक को अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है और दूसरा विभाग को भी राजस्व का नुकसान होगा है।
मीटर से जुड़ी यह बात शाद आपको भी पता नहीं होगी। यह बात हमें भी पता नहीं थी। वरिष्ठ पत्रकार और विद्युत विद्युत नियामक आयोग के सदस्य शशि भूषण मैठाणी ने इसकी विस्तृत जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दी है। अगर आपको जानकारी नहीं है, तो अपना बिन जरूर चे करें।
नियम कहता है कि उपभोक्ता के यहां स्थापित मीटर का हर 5 साल में अनुज्ञप्तिधारी (विभाग) द्वारा परीक्षण किया जाना है। जरूरत पड़ने पर नया मीटर लगाना होगा। परन्तु ऐसा हो नहीं रहा है। जिस कारण राज्यभर में अधिसंख्य उपभोक्ताओं को RDF, IDF, NR जैसे त्रुटिपूर्ण बिल सालों अथवा महीनों से दिए जा रहे हैं, जो कि विधि विरुद्ध है , जबकि उक्त श्रेणी में अनुज्ञप्तिधारी केवल दो ही बिल उपभोक्ता को दे सकता है।
UERC के विनियमानुसार अगर ऐसे मामले CGRF के समक्ष दर्ज होते हैं तो CGRF विद्युत उपभोक्ता के हक में फैसला देते हुए उक्त श्रेणी के 2 बिलों के अतिरिक्त अन्य सभी बिल निरस्त करने का आदेश अनुज्ञप्तिधारी (विभाग) को दे सकता है। इस लापरवाई का सीधा नुकसान पहले विद्युत उपभोक्ता को होता है और बाद में सरकार को भी भारी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ता है या पड़ सकता है । सरकार के स्तर पर भी बराबर निगरानी व सख्त निर्देश जारी होने चाहिए।
उपभोक्ताओं को भी बेहद जागरूक रहने की जरूरत है बराबर अपने बिलों का खुद भी परीक्षण करते रहें। हर बार ये जरूर देखते रहें कि मीटर रीडर आपके मीटर रीडिंग के ही अनुसार बिल दे रहा है या नहीं। वहीं बिल में देखें कि आपको बिल MU की जगह RDF, IDF, NR या NA जैसे बिल तो नहीं दिए जा रहे हैं। उक्त श्रेणी के बिल हों तो तुरंत अपने नजदीकी विद्युत कार्यालय में लिखित शिकायत दें और रिसीविंग जरूर ले लें , विभागीय स्तर पर निवारण न होने की दशा में सर्किल (मण्डल) में CGRF (विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच) में शिकायत दर्ज करें।